Thursday, December 29, 2011

Haseen Pal

पवई  झील  के  किनारे 

हमने  अपने  सबसे  हसीं  पल  गुजारे 



वो  Mumbai की  बरसात 

वो  quizzes की  सौगात 

वो  exams कठिन  से 

वो  solution सरल  से 

वो  class में  रोज़  लेट  आना 

वो  हर  बार  का  नया  बहाना 

वो  tum tum के  धक्के 

वो  auto के  झटके 

वो  techfest की  मस्ती 

वो  कागज़  की  कश्ती 



वो  लड़कियों  के  सामने  style मारना 

वो  lakeside में  बैठ  के  दिल  का  हारना 

वो  H10 के  चक्कर  लगाना 

वो  H11 के  पास  निहारना 

वो  lecture bunk करना  रोज़ 

वो  लफड़े  करना  रोज़ 

वो  submission last minute के 

वो  exam के  3  घंटे 

वो  AOE CS का  raat तक  खेलना 

वो  DC पे  material खोजना 



वो  juice गणेश  का 

वो  dinner गुलमोहर  का 

वो  हीरानंदानी  में  रात  तक  घूमना 

वो  घर  जाने  के  मौके  ढूँढना 

वो  football देखना  जोश  में 

वो  project बनाना  होश  में 

वो  coding  के  लफड़े 

वो  फालतू के  झगडे 



याद  आएँगे  IIT Bombay के  हसीन  पल …..

आज  नही  तो  कल 

ये  प्यारे  से  हसीन  पल ……

Sunday, October 16, 2011

Random Lines 2

When the night grows still and stars come out one by one ..... my mind dives into an unknown world.......


where u and me live happily................

The World Of DREAMS......... comes into existence......

Random Lines 1

That day, there will be a road on the beach,
and the sun will leave the water dark...
Buildings will be everywhere,
Humanity will have a new mark,
Mark that signifies rise of a global world
Mark which will symbolize death of the nature's gold..............

Thursday, September 1, 2011

प्रेम चौपाई - १

ख्वाबों के कारवां में, एक बात तुझसे हो जाती अगर ...
तेरे दिल की तंग गलियों में भी , काश बना लेता मैं इक छोटा सा घर .....
ख्वाबों की उस दुनिया में, हम साथ तो रह लेते पल भर .....
पर रोज़ सुबह जब होती तो , होता मुझको तेरे खोने का डर ..... होता मुझको तेरे खोने का डर
 

Tuesday, May 3, 2011

उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां


उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां
चुलबुली सी करती अठखेलियाँ 
उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां

1st yr से college में मैं जब आया
तब से इनका जादू मुझ पर छाया
इन्हें अपना बनाने के लिए, किये हमने कितने ही वादे
नजाने कितनो के पीछे हम पागल होके भागे
वर्तिका के हुए कितने ही दीवाने
कितनो की चाह थी की हीना को पा लें
मैंने अनुभूति को प्यार का अनुभव करना चाहा
तो अरुशी को  देख कर ये दिल बोला आहा
ऐश्वर्या थी पसंद किसी और की, पर  किसी और ने पटाई
बस इतने में ही हो गई लड़ाई
शवेता पर कितनो ने लाइन मारी
कहा निधि से तुम हो कितनी प्यारी
मूवी गई रिया, तो shopping mall गई प्रिया
इन्हें पाने के लिए हमने क्या क्या नही किया 

उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां
चुलबुली सी करती अठखेलियाँ 
उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां

साक्षी के साक्ष्य ने मुझे यह बताया 
की लड़कियां भी कम नही ये हैं उल्फत का साया
आँखों में काजल लगा के, जब काजोल college आई 
तो लड़के बनना चाहते थे उसकी परछाई
इशा ने सबको आशान्वित किया
तो शीना को देख कर सबका दम निकल गया 
जोया का दिल रोता हैं ये कहते हुए
की सोता हूँ मैं  कितने proposon को सहते हुए 
कंगना ने जब अपने खंगन खनखाए
तो पायल की आवाज़ से कितने ही दीवाने चले आए 
उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां
चुलबुली सी करती अठखेलियाँ 
उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां

मौसमी इश्क का जब मौसम आया
तब इनको गुलाबी फूल हमने थमाया 
भईया भईया बुला के इन्होने हमें चिडाया 
और कोई किसी चक्कर में ना आई
सभी ने अपनी अकाल लगाई 
और अपनी sandal हमें दिखाई 
पर फिर भी,
सुरभि के हुए सौरभ और छवि के रवि
इक और कहानी शुरू हो गई नई

जाते जाते शिवांगी ने मेरे कानो में यह कह दिया 

उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां
चुलबुली सी करती अठखेलियाँ 
उफ़ क़यामत हैं ये लड़कियां………

Tuesday, February 1, 2011

भारत मेरी नज़र में....

मैं जब अपनी नज़र से भारत को देखता हूँ 
तो पाता  हूँ भ्रष्टाचार  और बेरोज़गारी,
बिन पहिये की ये गाड़ी, जिस पर देश सवार हैं 
इस देश में लाखों बेकार हैं 
तो अपराध नही तो और क्या होगा 
क्या  अपनी सोच जैसा मुक्मल  जहाँ होगा 
नहीं इस जहाँ में कमल जैसे गुण की कीमत कम  पैसो की कीमत ज्यादा हैं
तभी तो हर आदमी पैसा खाता हैं उसे और कुछ नही भाता हैं 

मुझे नज़र आती हैं  गरीबी और बढती जनसँख्या
लोगों के पास पेहेनने को कपडे नही 

पर हमारी सर्कार मानती हैं  सब कुछ हैं सही 
कहती हैं हमारी विकास दर इतनी हैं
पर मुझे यह बतलाओ खाने के लिए रोटी कितनी हैं
 जरा बताओ इन देश के ठेके दारों को की जनसँख्या बढ़ रही हैं 
पर सरकारें तो विकास की नै गाथा गड़ रही हैं
नजाने क्यों ये बात लोग नही समझते 
की एकता ही सबसे बड़ी ताकत हैं
फिर भी हैं आपस में उलझते 
लगता हैं मुझे ही इन्हें बताना होगा 
क्या करना हैं मुझे ही समझाना होगा 

जनसँख्या को कम  करो वर्ना पछताओगे 
एक एक दाने को तरस जाओगे
भ्रष्टाचारी ख़तम नही हुई तो देश का आस्तित्व मिटटी में मिल जाएगा
फिर हमारा यह देश फिरंगियों के  हाथ लग जाएगा
बदलना होगा हमें तभी हम नया इतिहास रचेंगे..............
बदलना होगा हमें तभी हम नया इतिहास रचेंगे..............