Thursday, September 1, 2011

प्रेम चौपाई - १

ख्वाबों के कारवां में, एक बात तुझसे हो जाती अगर ...
तेरे दिल की तंग गलियों में भी , काश बना लेता मैं इक छोटा सा घर .....
ख्वाबों की उस दुनिया में, हम साथ तो रह लेते पल भर .....
पर रोज़ सुबह जब होती तो , होता मुझको तेरे खोने का डर ..... होता मुझको तेरे खोने का डर
 

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